अनार की खेती करके किसान हो सकते हैं मालामाल, कम लागत में होता है जबरदस्त मुनाफा

अनार एक बेहतरीन फल है। जो विटामिन्स और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है, इसके सेवन से शरीर में कभी भी हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है। अनार में आयरन, पोटेशियम, जिंक, विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन बी और ओमेगा-6 की प्रचुरता होती है। जो शरीर को स्वस्थ और तंदरुस्त रखने में सहायक होते हैं। इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए बाजार में इन दिनों अनार की भारी मांग रहती है। ऐसे में अगर किसान भाई बाजार की मांग की पूर्ति के लिए अनार की खेती करें तो इससे वो कम समय में अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। यह एक ऐसी फसल है जो उच्च तापमान वाली जगहों पर उगाई जाती है। अनार के पेड़ तेज धूप और उच्च तापमान सहन करने की क्षमता भी रखते है। साथ ही इस फसल में पानी की जरूरत भी बेहद कम होती है। इस कारण से इस फसल की खेती गर्मियों में की जाती है। गर्मियों का मौसम इस फसल के लिए बेहद अनूकूल माना गया है। जितनी ज्यादा गर्मी पड़ेगी, अनार की फसल उतनी तेजी के साथ ग्रोथ कर सकेगी। ज्यादा सिंचाई करने पर अनार के पेड़ अच्छी ग्रोथ नहीं करते हैं। यही कारण है कि इसकी खेती ज्यादा वर्षा वाले स्थानों पर नहीं की जाती है। भारत में अनार की खेती मुख्यतः राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में की जाती है। कृषि वैज्ञानिक बताते है  कि यह एक सब-ट्रॉपिकल क्लाइमेट पौधा है जो गर्म और उष्ण मौसम में तेजी से विकसित होता है। तेज गर्मी वाले मौसम में इसके फल तेजी से विकसित होते हैं। साथ ही अगर मौसम गर्म रहा तो इस फसल की कटाई भी समय पर की जाती है। अगर अनार के खेत में 38 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है तो यह उसके लिए सबसे अच्छा माना गया है। ये भी पढ़े: अनार की फसल में फूल झड़ने के कारण ओर रोकथाम अनार की खेती के लिए रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। इस मिट्टी में अनार का पौधा तेजी से ग्रोथ करता है। अनार के पौधों की रोपाई अगस्त से फरवरी माह के बीच की जाती है। इस दौरान किसान भाई नर्सरी से अनार का पौधा लाकर अपने खेत में लगा सकते हैं। इसके अलावा इसके पौधे कलम विधि द्वारा भी तैयार किए जा सकते हैं। एक साल पुरानी शाखाओं से 20 से 30 सेंटीमीटर लंबी कलमों को काटकर नर्सरी में बेहद आसानी से पौधा तैयार किया जा सकता है। जब कलम में जड़ें विकसित होने लगें तो पौधे को खेत में स्थानांतरित कर दें। फिलहाल बाजार में अनार की कई किस्में उपलब्ध हैं। जिनके पौधे किसान भाई अपने खेत में लगा सकते हैं। ज्योति, मृदुला, कंधारी, अरक्ता और सुपर भगवा अनार की कुछ बेहतरीन किस्मों के नाम हैं। ज्योति किस्म के फल साइज़ में बड़े होते हैं और इनमें रस ज्यादा निकलता है। साथ ही मृदुला किस्म के फल मीडियम साइज के होते हैं और इनके बीजों का रंग लाल होता है। अगर किसान भाई अनार के पेड़ लगाते हैं तो वह पेड़ आगामी 25 सालों तक फल देता रहेगा। जिससे किसान भाई को बिना किसी मेहनत के 25 सालों तक अनार की फसल प्राप्त होती रहेगी।